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excited-guardian
12/14/2024
"दृश्य 4: भक्ति और कवि के रूप में परिवर्तन रविदास जी ने भक्ति मार्ग को अपनाया और अपनी कविताओं, भजनों के माध्यम से समाज में समानता और भाईचारे का संदेश फैलाया। वे ईश्वर के प्रति अपनी अपार श्रद्धा और प्रेम व्यक्त करते थे। उनके भजनों में “धन धन रविदास जी” और “तुम ही हो माता पिता तुम ही हो” जैसे भजन आज भी गाए जाते हैं। उन..."